केआरएल कर्मियों की हड़ताल के कारण दूसरे दिन भी नही उठा कूड़ा

 हरिद्वार। नगर निगम और केआरएल के बीच जारी गतिरोध के बीच शहर में दूसरे दिन भी कूड़ा नही उठ सका। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी केआरएल के काम बंद करने से शहर के लोगो को दिक्कतें उठानी पड़ी। कई क्षेत्रों के गली मोहल्ले के नुक्कड़ों पर कूड़े के ढेर लगे रहे। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने अपने स्तर से कूड़े का उठान और निस्तारण को 12 गाड़ियों की व्यवस्था की। हालांकि विस्तृत क्षेत्र के हिसाब से नगर निगम की यह व्यवस्था नाकाफी रही। टिपिग फीस आदि के भुगतान को लेकर केआरएल ने सोमवार से काम बंद कर दिया है। इसके चलते सफाई व्यवस्था पटरी से उतर गई है। मंगलवार दूसरे दिन भी शहर से डोर टू डोर कूड़ा नहीं उठा। इससे शहरियों को दिक्कतें उठानी पड़ी। मजबूरी में स्थानीय निवासियों को कॉलोनियों के बाहर रखे डस्टबिन में कूड़ा डालने को विवश होना पड़ा। इसके चलते कई डंपिग प्वाइंटों पर दोपहर तक कूड़ा जमा दिखा। गली मोहल्ले के नुक्कड़ों पर भी कूड़े के ढेर लगे रहे। हालांकि नगर निगम प्रशासन ने कूड़े के उठान और निस्तारण को दोनों शिफ्टों में 12-12 गाड़ियां लगाने का दावा किया है। इनमें चार ट्रैक्टर ट्रॉली किराये पर ली गई है। प्रत्येक सर्किल में एक-एक ट्रैक्टर ट्राली लगाई गई है। इधर डोर टू डोर कूड़ा एकत्र करने की व्यवस्था बंद होने से स्थानीय निवासियों में नगर निगम प्रशासन के खिलाफ रोष है। दूसरी ओर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी केआरएल के सफाई कर्मियों ने वेतन भुगतान, काम पर लिए जाने की मांग को लेकर टिबड़ी स्थित गैराज में प्रदर्शन कर धरना दिया। कर्मचारी जीत सिंह, विकास, अनिल शर्मा, जितेंद्र, सत्या, चंदू, मनीष मेहरा, मनोज शर्मा, प्रमोद शर्मा ने कहा कि नगर निगम और केआरएल की रार में अल्प वेतनभोगी सफाईकर्मी पिस रहे हैं। बताया कि तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इससे दिक्कतें उठानी पड़ रही है। वही केआरएल कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल श्रमिक नेता सुरेंद्र तेश्वर, सुनील राजौर आदि के नेतृत्व में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के उनके कैंप कार्यालय में मिला। जहां उन्हें समस्याओं से अवगत कराया। श्रमिक नेता सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि केआरएल के सफाईकर्मियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। अब कंपनी के काम बंद करने से उनकी मुश्किलें और बढ़ गई है। श्रमिक नेता सुरेंद्र तेश्वर ने बताया कि शहरी विकास मंत्री ने इस संबंध में नगर निगम प्रशासन को कोई रास्ता निकालने के निर्देश दिए हैं।