ब्रह्मलीन योगीराज स्वामी योगानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित

हरिद्वार। संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित होता और शिव स्वरूप संत ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उक्त उद्गार भूपतवाला स्थित योगानंद योग आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी सत्यव्रतानंद महाराज ने ब्रह्मलीन योगीराज स्वामी योगानंद सरस्वती महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए व्यक्त किए। स्वामी निरंजन महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी योगानंद सरस्वती एक महान संत थे।  जिन्होंने सदैव भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र कल्याण के लिए प्रेरित किया और गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर सदैव गरीब असहाय लोगों की सहायता की। म.म.स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी योगानंद सरस्वती महाराज एक तपस्वी संत थे। जिन्होंने अपने तप व विद्वता के माध्यम से धर्म के नए आयाम स्थापित किए और सदैव समाज का मार्गदर्शन कर एक नई दिशा प्रदान की। इस दौरान स्वामी विवेकानंद सरस्वती, म.म.स्वामी प्रेमानंद, महंत रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी ललितानंद गिरी, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, महंत दुर्गादास, महंत सूरजदास व मनोज गिरी आदि उपस्थित रहे।