त्याग,तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम-सतपाल ब्रह्मचारी


हरिद्वार। हरियाण के सोनीपत से कांग्रेस सांसद व नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी के गुरू ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम महाराज का 34वां पुण्यस्मृति दिवस समारोह संत समाज और श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में मनाया गया।सांसद सतपाल ब्रह्मचारी के संयोजन में भूपतवाला स्थित थानाराम आश्रम में आयोजित स्मृति दिवस समारोह में संत महापुरूषों व श्रद्धालु भक्तों ने ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम महाराज को नमन किया और श्रद्धासुमन अर्पित किए।महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम संत के प्रेरणास्रोत थे।भक्तों को धर्म और अध्यात्म का ज्ञान देने के साथ उन्होंने सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी अहम भूमिका निभायी। गुरू के आदर्शो पर चलते हुए सांसद सतपाल ब्रह्मचारी जनसेवा और धर्म सेवा में समानरूप से योगदान कर रहे हैं।सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम महाराज जैसी दिव्य विभूति के सानिध्य में ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिला।पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण और जनसेवा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।महंत ऋषिश्वरानंद,स्वामी अनंतानंद,स्वामी चिदविलासानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम महाराज का सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।महंत शुभम गिरी,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी हरिहरानंद, महंत मोहन सिंह ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि,महंत राघवेंद्र दास, महंत जसविंदर सिंह,महंत तीर्थ सिंह,स्वामी उमेश मुनि,स्वामी विवेकानंद ने भी ब्रह्मलीन स्वामी शालीग्राम आश्रम महाराज को नमन किया और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।