श्रीहेमकुंड साहिब की यात्रा आस्था के साथ सेवा और सहकार की जीवंत मिसाल-स्वामी चिदानंद

राज्यपाल,मुख्यमंत्री की मौजूदगी में श्रीहेमकुंड साहिब यात्रा का श्री हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा से शुभारम्भ


ऋषिकेश।हिमालय की गोद में बसा श्री हेमकुंड साहिब तीर्थस्थल गुरूवार को एक बार फिर आस्था की ज्योति से आलोकित हो उठा। इस पावन यात्रा का शुभारम्भ अत्यंत भावपूर्ण और आध्यात्मिक वातावरण में श्रीहेमकुंड साहिब गुरूद्वारा,ऋषिकेश से हुआ ,जिसमें स्वामी चिदानन्द सरस्वती का दिव्य सान्निध्य श्रद्धालुओं में एक आध्यात्मिक ऊर्जा का संचारक बना।इस अवसर पर उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले.जन.गुरमीत सिंह,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी,विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूरी,वन और पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ,विधायक प्रेमचंद अग्रवाल,विधायक श्रीमती रेणु बिष्ट,नरेन्द्र सिंह बिन्द्रा मौजूद रहे। हिमालय की पहाड़ियों की ऊंचाई पर स्थित यह तीर्थ स्थल आध्यात्मिक ऊंचाई का प्रतीक है। यहां पहुँचते ही भक्तों को ऐसा अनुभव होता है जैसे वे स्वयं गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज की तपोभूमि में प्रवेश कर रहे हों। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि श्रीहेमकुंड साहिब की यात्रा आस्था के साथ सेवा और सहकार की जीवंत मिसाल है। सरकार ,प्रशासन ,हजारों सेवादार ,स्थानीय लोग,स्वयंसेवी संस्थाएँ और सुरक्षा बल मिलकर इस यात्रा को सफल बनाते हैं। यात्रा मार्ग की कठिनाइयाँ श्रद्धालुओं के हौसले को रोक नहीं पातीं,क्योंकि वहाँ सेवा का भाव हर मोड़ पर साथ चलता है।यह तीर्थस्थल हिमालय में है,और हिमालय केवल पर्वत नहीं,वह भारत की आत्मा है।हमें हेमकुंड साहिब की यात्रा करते समय पर्यावरण की शुचिता,जल स्रोतों की पवित्रता और वनों की रक्षा का विशेष ध्यान रखना होगा। आज जब श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पुनःआरम्भ हुई है,यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं,बल्कि एक चेतना का पर्व है जो हमें यह स्मरण कराता है कि जब सेवा,श्रद्धा और साहस एक साथ चलते हैं,तो जीवन तीर्थ बन जाता है।स्वामी जी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस यात्रा को धार्मिक दृष्टि के साथ पर्यावरण,साहस और सेवा की पाठशाला के रूप में भी देखें।हेमकुंड साहिब एक तीर्थस्थल के साथ आत्मबल और आत्मशक्ति की चेतना है।श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा मानवता की एकता,वीरता और सेवा का प्रतीक है। राज्यपाल ले.जन.रिर्टा.गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड की धरती पर सभी संगत का स्वागत करते हुये कहा कि ना जाने किस मोड़ पर नारायण मिल जाये। हेमकुंड साहिब की यात्रा आत्मा,आस्था और अध्यात्म की यात्रा है। पूरे उत्तराखंड वासियों ने जो परिश्रम कर यात्रा को सहज बनाने में योगदान दिया उसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद।हमारे गुरूओं ने जो सबक और संदेश दिये उसे सम्पूर्ण मानवता के साथ साझा करना ही हमारा कर्तव्य है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया कि इस वर्ष यात्रा को सुरक्षित,सुव्यवस्थित और श्रद्धामयी बनाने के लिए राज्य सरकार ने हर संभव तैयारी की है।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य तीर्थाटन को पर्यावरण के अनुकूल,तकनीकी रूप से सक्षम और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाना है।उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा व हेमकुंड साहिब यात्रा को प्लास्टिक मुक्त यात्रा बनाने का आह्वान किया।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने श्री हेमकुंड साहिब प्रशासन और उपस्थित श्रद्धालुओं को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर सभी को मंगलमयी यात्रा की शुभकामनायें दी।