गुरु गोरखनाथ के आशीर्वाद से जन्मे थे भगवान गोगा चौहान


हरिद्वार। गुरु श्रीगोरखनाथ अलख अखाड़े के अध्यक्ष श्रीसंजीवन नाथ महाराज ने श्री गोगाजी के जन्म का दृष्टांत सुनते हुए बताया श्रीगुरु गोरखनाथ के आशीर्वाद से माता बाछल के घर में उत्पन्न हुए थे भगवान श्री गोगा जी चौहान के दो अन्य भाई अर्जन एवं सर्जन पिता घेवर व जेवर सिंह के यहां उत्पन्न हुए थे। तीनों भाई अति दिव्या तेजस्वी तथा बलशाली थे,गूगल के अंश से उत्पन्न नीले घोड़े के सवार नीले घोड़े वाले है। श्रीगोगाजी भगवान गुरु गोरखनाथ से शिक्षा प्राप्त करने तथा 12वर्ष तक गुरु गोरखनाथ से शिक्षा लेने के बाद गोगाजी फिर ददरेवा लौट आये। गोगा जी के पराक्रम को आज संपूर्ण विश्व जानता और पहचानता है। उन्हें गोगाजी तथा जाहरवीर के नाम से भी जाना जाता है। गुरु श्रीगोरखनाथ अखाड़े के तपस्वी साधु संत गुरु गोरखनाथ जी महाराज के बताये मार्ग पर चलते हुए समाज तथा विश्व को सनातन का पाठ पढ़ायेगे,उन्हें कल्याण का मार्ग दिखायेगे। इस सृष्टि को गुरु गोरखनाथ जी महाराज ने मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया है। गुरु गोरखनाथ जी महाराज द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलने वाले तपस्वी साधु संत ऋषि मनीषियो और बड़े-बड़े योगीयो की तपस्या की गाथा और त्याग समर्पण का भाव सनातन और संस्कृति को प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के माध्यम से पुनः स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं।