हरिद्वार। श्रवणनाथ नगर स्थित तारकेश्वर धाम में नवरात्र पूजन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को मां भगवती की महिमा से अवगत कराते हुए गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि नवरात्रों में की जाने वाली पूजा आराधना से प्रसन्न होकर प्रकृति के कण-कण में विराजमान मां आदि शक्ति भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती है। नवरात्रों में मां अदि शक्ति के ही विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। स्वामी निर्मलदास ने कहा कि मां जगदंबा सभी स्वरूपों में अपने भक्तों का कल्याण करती है। काली के रूप में काल और अहंकार का नाश करती है। सरस्वती के रूप में साधक को ज्ञान प्रदान करती हैं और लक्ष्मी के रूप में अपने भक्तों को धन संपदा प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि मां भगवती का प्रत्येक स्वरूप कल्याणकारी है। इसलिए भक्तों को नवरात्रों में मां भगवती के सभी स्वरूपों की पूजा आराधना करनी चाहिए। नवरात्र पूजन में प्रथम पूज्य भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की आराधना भी अवश्य करनी चाहिए। इस दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,महंत कपिल मुनि,स्वामी हरिहरानंद मौजूद रहे।
भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती है मां शेरावाली-स्वामी निर्मल दास
हरिद्वार। श्रवणनाथ नगर स्थित तारकेश्वर धाम में नवरात्र पूजन के दौरान श्रद्धालु भक्तों को मां भगवती की महिमा से अवगत कराते हुए गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ने कहा कि नवरात्रों में की जाने वाली पूजा आराधना से प्रसन्न होकर प्रकृति के कण-कण में विराजमान मां आदि शक्ति भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करती है। नवरात्रों में मां अदि शक्ति के ही विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। स्वामी निर्मलदास ने कहा कि मां जगदंबा सभी स्वरूपों में अपने भक्तों का कल्याण करती है। काली के रूप में काल और अहंकार का नाश करती है। सरस्वती के रूप में साधक को ज्ञान प्रदान करती हैं और लक्ष्मी के रूप में अपने भक्तों को धन संपदा प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि मां भगवती का प्रत्येक स्वरूप कल्याणकारी है। इसलिए भक्तों को नवरात्रों में मां भगवती के सभी स्वरूपों की पूजा आराधना करनी चाहिए। नवरात्र पूजन में प्रथम पूज्य भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की आराधना भी अवश्य करनी चाहिए। इस दौरान स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी दिनेश दास,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,महंत कपिल मुनि,स्वामी हरिहरानंद मौजूद रहे।