संत महापुरूषों ने सदैव समाज को कल्याण की राह दिखायी-त्रिवेंद्र सिंह रावत

जन-जन के आराध्य हैं भगवान श्रीचंद्र-श्रीमहंत रविंद्रपुरी


 हरिद्वार। भगवान श्रीचंद्र की 530वीं जयंती के उपलक्ष्य में श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन के संयोजन व सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों के सानिध्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गयी। चंद्राचार्य चौक पर पूजा अर्चना के पश्चात अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी,सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत,कोठारी महंत राघवेंद्र दास,कारोबारी महंत गोविंददास,महंत जयेंद्र मुनि,महंत प्रेमदास ,मुखिया महंत भगतराम,श्रीमहंत धुनीदास ने नारियल फोड़कर बैण्ड बाजों व भव्य झांकियों से सुसज्जित शोभायात्रा को रवाना किया। शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए कनखल राजघाट स्थित श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में पहुंचकर संपन्न हुई। नगर भ्रमण के दौरान जगह -जगह श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। इस अवसर पर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जन-जन के आराध्य भगवान श्रीचंद्र ने पूरे देश का भ्रमण कर तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर समाज को एकता के सूत्र में बांधा। भगवान श्रीचंद्र के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए संत समाज सामाजिक समरसता स्थापित करने में अपना योगदान कर रहा है। सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि संत महापुरूषों ने सदैव समाज को कल्याण की राह दिखायी। सभी को भगवान श्रीचंद्र के दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण में योगदान देना चाहिए। कोठारी महंत राघवेंद्र दास व कारोबारी महंत गोविंददास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र ने पूरे देश का भ्रमण कर सनातन धर्म संस्कृति का प्रचार प्रसार किया और पांखड और अंधविश्वास के खिलाफ अलख जगायी। मुखिया महंत भगतराम व श्रीमहंत धुनीदास ने कहा कि समस्त समाज के लिए वंदनीय भगवान श्रीचंद्र ने ज्ञान भक्ति के श्रेष्ठ सिद्धांत प्रतिपादित किए और अपनी अलौकिक सिद्धियों और उपदेशों से समाज को वैदिक धर्म की दीक्षा दी। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतना नंद,महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश एवं जयराम पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि अज्ञानता को दूर कर समाज को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करने वाले भगवान श्रीचंद्र संत समाज के प्रेरणास्रोत हैे। शोभायात्रा में महामंडलेश्वर स्वामी अनन्तानन्द,महंत जयेंद्र मुनि,महंत प्रेमदास,स्वामी भगवत स्वरूप,स्वामी हरिवल्लभ दास शास्त्री,पूर्व विधायक संजय गुप्ता ,पूर्व मेयर मनोज गर्ग,विशाल गर्ग,श्रीमहंत रामरतन गिरी,स्वामी रविदेव शास्त्री,स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि,महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी,स्वामी कपिल मुनि,महंत जसविन्दर सिंह,महंत कैवल्या नन्द,महंत सेवक दास,महंत बलवंत दास,स्वामी चिदविलासा नंद,महंत गंगादास,महंत अरूण दास,स्वामी राजेंद्रानंद,महंत मंगलदास सहित बड़ी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूष और श्रद्धालु भक्त शामिल हुए।