हरिद्वार के कण कण में भगवान शिव का वास है-स्वामी कैलाशानंद गिरी


 हरिद्वार। विश्व कल्याण के लिए निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की श्री दक्षिण काली मंदिर में आयोजित विशेष शिव आराधना अनवरत् रूप से जारी है। पूरे सावन चलने वाली आराधना का समापन पूर्णिमा को होगा। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि देवों के महादेव कैलाशवासी भगवान शिव का हरिद्वार से अटूट संबंध है। भगवान शिव की बारात नीलेश्वर महादेव मंदिर से कनखल के लिए रवाना हुई थी। जहां दक्ष प्रजापति की पुत्री माता सती से उनका विवाह संपन्न हुआ था। हरिद्वार के कण कण में भगवान शिव का वास है। श्री दक्षिण काली मंदिर सहित हरिद्वार में कई पौराणिक शिवालय हैं। जहां भगवान शिव साक्षात रूप से विराजमान रहकर भक्तों का कल्याण करते हैं। भगवान श्री हरि के क्षीर सागर में शयन के लिए जाने पर भगवान शिव दक्ष महादेव मंदिर में रहकर सृष्टि का संचालन करते हैं। उन्होंने कहा कि सिद्ध पीठ श्री दक्षिण काली मंदिर में मां काली के साथ भगवान शिव भी साक्षात रूप विराजमान रहते हैं। मंदिर में मां काली के दर्शन व पूजन के लिए आने वाले भक्तों को शिव और शक्ति दोनों की कृपा होती है। जिससे भक्त का कल्याण निश्चित रूप से होता है। सभी को पूरे भक्ति भाव व विधि विधान के साथ भगवान शिव की आराधना अवश्य करनी चाहिए। इस अवसर पर स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी,बालमुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी,स्वामी लाल बाबा,आचार्य पवन दत्त मिश्रा,आचार्य प्रमोद पांडे,स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी,चेतन शर्मा,राजू शुक्ला,अनुराग वाजपेयी आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।