गुरू से प्राप्त ज्ञान पर चलने से ही जीवन सार्थक बनता है-स्वामी उमा भारती महाराज
हरिद्वार। गुरू पूर्णिमा पर्व पर सप्तसरोवर मार्ग स्थित उमेश्वरधाम आश्रम में आयोजित दो दिवसीय गुरू पूजन समारोह के समापन पर श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी उमा भारती महाराज ने कहा कि गुरूपूजन का वास्तविक अर्थ गुरू के बताए मार्ग पर चलते हुए स्वयं का आत्मोद्धार करने सहित मानव कल्याण के लिए कार्य करना है। उन्होंने कहा कि अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर ज्ञान मार्ग पर प्रवृत्त करने वाली शक्ति ही गुरू तत्व है और गुरू पूर्णिमा गुरू से ज्ञान प्राप्त कर जीवन को सहज, सरल, संयमित बनाने की प्रेरणा देती है। जिन महापुरुषों ने कठोर श्रम करके हमे सब कुछ दिया उनके प्रति समपर्ण, कृतज्ञता ज्ञापन व ऋषि ऋण चुकाने का अवसर गुरू पूर्णिमा है। गुरू पूर्णिमा पर गुरूपूजन करने से और उनका आशीर्वाद लेने से जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिससे जीवन सार्थक बनता है। स्वामी शिवानंद भारती ने बताया कि गुरू पूर्णिमा के अवसर पर आश्रम में अखण्ड रामायण पाठ, संत महापुरूषों के प्रवचन आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।