पराधीन भारत मे बनी हिंदू सेवा मंडल जोधपुर का सामाजिक दायित्व मे जुटी

 


हरिद्वार। पिछले 98वर्षो से सामाजिक सेवा मे जुटी संस्था हिंदू सेवा मंडल जोधपुर के तत्वावधान में मंगलवार को हरकी पैड़ी पर 1139 लावारिस अस्थियों का गंगा में विसर्जन किया जाएगा। जोधपुर से लाए गए विदेशी कलशों में आस्ट्रेलिया और इजरायल के दो सैलानियों के अस्थि कलश भी शामिल है। जबकि 50 अस्थि कलश कोविड के दौरान मारे गये लावारिस और गरीब, असहाय परिवार के लोगों की है। सोमवार को प्रैस क्लब में पत्रकारो से वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए संस्था के सचिव विष्णुचंद्र प्रजापत ने बताया कि 1 मई 1925 को स्थापना के बाद से ही हिंदू सेवा मंडल जोधपुर 98 वर्षों से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के साथ अस्थियों का गंगा में विसर्जन, भोगीषैल परिक्रमा यात्रा का आयोजन, बाबा रामदेव मेला सहित प्रकृति आपदा के समय पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुंचाना जैसे समाजिक कार्यो में योगदान कर रहा है। उन्होने बताया कि करीब सौ वर्ष पूर्व जब फ्रलैग जैसी महामारी फेली थी उसी दौरान इस संस्था की नीव रखी गयी थी। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से करोना महामारी के दौरान जब सभी लोग अपने घर में थे। ऐसे में प्रशासन के साथ मिलकर 1लाख से अधिक भोजन के पैकेट जरूरत मंद लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया गया। 50 हजार से अधिक एन 95 मास्क, सेनेटाइजर, दवाइयां व पीपी किट्स सहित अन्य सामग्री वितरित की गई। विष्णु चंद प्रजापत ने बताया सभी कार्य संस्था के सदस्यों ने आपसी सहयोग से किया। किसी सरकारी और निजी संस्थान से कोई मदद नहीं ली। उन्होंने बताया कि लावारिस अस्थियों के विसर्जन के लिए 21 सदस्यों का दल 1139 अस्थि कलश लेकर हरिद्वार पहुंचा है। मंगलवार को प्रातः 11 बजे हर की पैड़ी पर गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा की मौजूदगी में लावारिस अस्थियों को पूर्ण विधि विधान के साथ गंगा की गोद में विसर्जित किया जाएगा। वार्ता के दौरान में महेश जाजड़ा,लख्मीचंद किसनानी,कैलाश जाजू,राकेश गौड, ताराचंद शर्मा,सुरेंद्र सिंह सांखला, दिनेश रामावत, गौरीशंकर गांधी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।