अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिये पर्यावरण पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का विरोध


 हरिद्वार। नगर निगम कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से पर्यावरण पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करने के फैसले का विरोध किया है। मोर्चा नेताओं का कहना है कि पूर्व की भांति पचास फीसदी पदों को पदोन्नति से भरा जाना चाहिए। शनिवार को प्रैस क्लब में पत्रकारो से वार्ता करते हुए मोर्चे के नेता सुरेंद्र तेश्वर व राजेंद्र श्रमिक ने कहा कि ठेका प्रथा व आऊटसोर्स नीति के चलते उत्तराखण्ड में निकायों में तैनात सफाई कर्मचारियों की स्थिति बेहद खराब है। संविदा व आऊटसोर्स के तहत प्रदेश के निकायों में तैनात सफाई कर्मचारियों को न तो समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जा रहा है। ना ही उन्हें नियमित किया जा रहा है। हाल ही में उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पर्यावरण पर्यवेक्षकों की नियुक्ति निकाली गयी है। जबकि पूर्व में 50 फीसदी पदों को प्रोन्नति से भरे जाने की व्यवस्था रही है। सरकार को पूर्व की भांति 50 फीसदी पदों को प्रोन्नति से भरना चाहिए। जिससे वर्षो से विभिन्न निकायों में सेवा दे रहे कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके। समाज कल्याण विभाग से मिले अनुदान से बनाए गए आवासों व नगर निगम की भूमि पर रह रहे कर्मचारियों को मालिकाना हक भी नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों को मिलने वाली बीमा सुविधा को भी बंद कर दिया गया है। पुरानी पेंशन प्रणाली को भी बहाल नहीं किया जा रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है। कोविड महामारी में कर्मचारियों को साबुन सेनेटाइजर आदि भी नहीं दिया जा रहा है। कूड़ा निस्तारण के लिए नयी कंपनी को नियुक्त करने के बावजूद सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं आ रहा है। सुनील राजौर ने कहा कि केंद्र व राज्यों के स्तर पर गठित सफाई कर्मचारी आयोग भी समस्याओं के समाधान में नाकाम रहा है। आयोग में नियुक्त पदाधिकारी व सदस्य सरकार सुविधाओं का लाभ उठाने व बैठकें करने तक सीमित है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी वर्ग की समस्याओं का समाधान करने में नाकाम आयोग को भंग कर दिया जाना चाहिए। मोर्चा नेताओं ने ऐलान किया कि जल्द ही प्रदेश के सभी निकायों में कार्यरत संगठनों की हरिद्वार में बैठक बुलायी जाएगी। बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। प्रैसवार्ता में आत्माराम बेनीवाल, राजेंद्र चुटेला, नीरज बागड़ी, प्रवीण तेश्वर, सलेकचंद, लक्ष्मी चंद, अशोक छाछर, अशोक मामा, शिवकुमार, बंटी चंचल, कुसुमपाल, राजेश खन्ना, राजू खेरवाल, बलराम चुटेला, कुलदीप, लोकश, अजय कुमार, संजय पेवल, कुसुम पाल, सुभाष, अनुराग, सुनील बेदी, प्रमोद, घनश्याम, सुदर्शन आदि मौजूद रहे।